1954 में, अखिल भारतीय ग्रामीण ऋण सर्वेक्षण समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की ।
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1954 में, अखिल भारतीय ग्रामीण ऋण सर्वेक्षण समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की ।
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ग्रामीण क्षेत्रो में ऋणों का वितरण शून्य था, इन परिस्थितियों में अखिल भारतीय ग्रामीण ऋण सर्वेक्षण समिति की सिफारिशों पर 1955 में स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया एक्ट लागू किया गया और इम्पीरियल बैंक को स्टेट बैक ऑफ इंडिया बना दिया गया।
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ये समितियां बहुउद्देश्यीय हों, इस बारे में रिजर्व बैंक के कृषि ऋण विभाग ने एक लंबी रपट बनाई, आज़ादी से दस साल पहले रिजर्व बैंक ने सहकारी आंदोलन के बारे में जो कुछ काम किया, वो लंबे अरसे तक कागज़ों में कैद रहा और यहां तक कि प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जब ग्रामीण ऋण सर्वेक्षण समिति बनाई तो इसकी रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा गया कि भारत में सहकारिता असफल रही है।